suryakumar yadav test debut

नई दिल्ली: भारत के स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव 9 फरवरी से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर में शुरू होने वाली बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज में डेब्यू करने के लिए कतार में हैं। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूर्या ने उनके टेस्ट डेब्यू की संभावना के बारे में बात की।

हर कोई टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता है

उन्होंने कहा, जाहिर है हर कोई टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता है। आप अपना क्रिकेट घरेलू स्तर पर शुरू करते हैं, तब केवल लाल गेंद से खेलते हैं। मैं मुंबई के लिए रेड बॉल क्रिकेट खेल चुका हूं। उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि श्रृंखला कितनी रोमांचक होगी, लेकिन साथ ही यह वर्तमान में रहने के बारे में है और ध्यान इस बात पर है कि कल के खेल के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ कैसे दिया जाए, फिर हमारे पास टेस्ट के बारे में सोचने का पूरा समय है।”

पिच हमारे हाथ में नहीं

सूर्यकुमार ने इकाना स्टेडियम की पिच विवाद को भी तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि विकेट ज्यादा मायने नहीं रखता और वे किसी भी तरह की पिच के लिए खुद को ‘ठीक’ रखते हैं। हालांकि कप्तान हार्दिक पांड्या ने इकाना की पिच को “शॉकर” करार दिया था। सूर्या ने पिच के बारे में कहा, हार्दिक और मैंने बाद में बातचीत की और यह ऐसा था जो कुछ भी हमें भविष्य में मिलेगा हम उसके साथ जाएंगे। “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस मिट्टी पर खेलते हैं। ये वो चीजें हैं जो आपके नियंत्रण में नहीं हैं। हमने वही किया जो हमारे नियंत्रण में था, लेकिन यह रोमांचक खेल था।

चुनौती लेना पसंद

उन्होंने आगे कहा, “कोई भी खेल, ODI या T20I लो या हाई स्कोरिंग, अगर खेल में प्रतिस्पर्धा है, तो मुझे नहीं लगता विकेट बहुत मायने रखता है। आप वहां जाते हैं, एक चुनौती लेते हैं और इसे स्वीकार करते हैं।” सूर्या ने कहा, वास्तव में हम बहुत लंबे समय से एक साथ बल्लेबाजी कर रहे हैं। हमने अतीत में कुछ अच्छी साझेदारियां की हैं। उस समय हमारे लिए अच्छा क्यूनिकेशन और माहौल होना बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि हम जानते थे कि आखिरी ओवर में यह थोड़ा तनावपूर्ण होगा। उन्होंने अपनी रणनीति के बारे में कहा, “हम बस हंस रहे थे, एक-दूसरे का समर्थन कर रहे थे और एक-दूसरे को बता रहे थे कि जिसे भी मौका मिलेगा, खेल खत्म करने की कोशिश करेंगे।”

तनावपूर्ण परिस्थितियों में संयमित रहता हूं

मुंबईकर ने घरेलू क्रिकेट में अपने कारनामों का श्रेय तनावपूर्ण परिस्थितियों में बल्लेबाजी करते हुए अपने संयम को दिया। उन्होंने कहा, “मैंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने से पहले काफी घरेलू क्रिकेट खेली है, इससे मुझे काफी मदद मिली है। उन्होंने कहा, ‘आपको खुद को काफी मेहनत करनी होती है और अलग-अलग चुनौतीपूर्ण पिचों पर खेलने के दौरान आपके पास जो मेहनत होती है, मैं उसे वहीं से आगे बढ़ाता हूं। बाकी मैंने टीम में इतने सीनियर खिलाड़ियों को देखकर उनसे बात करते हुए सीखा है। मैं हर मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता हूं।”

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